संदेश

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आठ की याद

ए बी सी डी से सीखो!

बस, यूं ही जलती रहे ये लौ!

लो, तुम्हें बेदखल किया...!

सलाम है!

शून्य का संवाद

अपनी उदासी तोड़ो वत्स!

सुलगती हुई शाम के कोलाहल में...

क्या विनोद जी, मरवा के ही दम लेंगे!

'महुआ' का मतलब

टीज मी, डोंट टीज मी, डोंट टीज मी शोणिए...

सुन लो 8 से डरने वालों

एक बार फिर मरी आरुषि!

पत्नी का पंच-२ (बताइए, अब क्या जवाब दें?)

अब तो संभलिए जनाब...

आपके बहाने अपना बयान

पांच दिनों की प्यास

आसक्त कहीं का...

क्यों सर??

पत्नी का 'पंच'

एक तस्वीर कु-बोली के खिलाफ

अगर आप ईश्वर को मानते हैं तो...

माई नेम इज आरुषि!

कमिंग अप...

निर्लज्ज नायक!

तेरा क्या होगा राज!