पांच दिनों की प्यास
आगे बढ़ने से पहले गौर फरमाइए, टाइटिल के अनुप्रास पर- 'पांच' और 'प्यास' के बीच गजब का आकर्षण है.इस अनुप्रासिक अनुभव के साथ एक दुखीआत्मा दोस्त ने इस बार फिर कसम खाई है सावन में शराब नहीं पीने की, पांच दिन से प्रैक्टिस कर रहा है बेचारा। लेकिन उसने गलती कर दी- ये बात उसने फिर बता दी अपने दोस्तों को- उन दोस्तों को जो न्यूज चैनल में काम करते हैं।फिर क्या था, दोस्तों ने बना दिया उसकी कसम का 'शो ओपेन', और फिर सनसनाता हुआ पांच मिनट का 'पैकेज'।
अब आगे पढ़िए-
पांच दिन
सिर्फ पांच दिन...
जी हां, सिर्फ पांच दिन बाकी है
सावन शुरू होने वाला है
उसने कसम खाई है
इस बार नहीं तोड़ेगा कसम
सावन में शराब पीने की कसम
वो कर रहा है रोज प्रैक्टिस
संयम रखने की प्रैक्टिस
हफ्ते भर से हाथ तक नहीं लगाया
न ग्लास को, न बोतल को
लेकिन,
एक रात
जब वो अकेला था
मचल गया जब वो तन्हा था
पानी भर आया उसके मुंह में
उसने आव देखा न ताव
फ्रिज से निकाला पानी
फ्रीजर से बर्फ के कुछ टुकड़े
फिर उठाई ली उसने बोतल
और खोल दी ढक्कन
उड़ेल दी ग्लास में
और बुझा ली उसने
पांच दिनों की प्यास
पांच दिन बाकी है सावन आने में, पता नहीं कमबख्त, इस बार कितनी बार तोड़ेगा अपनी ही खाई कसम
हा...हा...हा...हा...
अब आगे पढ़िए-
पांच दिन
सिर्फ पांच दिन...
जी हां, सिर्फ पांच दिन बाकी है
सावन शुरू होने वाला है
उसने कसम खाई है
इस बार नहीं तोड़ेगा कसम
सावन में शराब पीने की कसम
वो कर रहा है रोज प्रैक्टिस
संयम रखने की प्रैक्टिस
हफ्ते भर से हाथ तक नहीं लगाया
न ग्लास को, न बोतल को
लेकिन,
एक रात
जब वो अकेला था
मचल गया जब वो तन्हा था
पानी भर आया उसके मुंह में
उसने आव देखा न ताव
फ्रिज से निकाला पानी
फ्रीजर से बर्फ के कुछ टुकड़े
फिर उठाई ली उसने बोतल
और खोल दी ढक्कन
उड़ेल दी ग्लास में
और बुझा ली उसने
पांच दिनों की प्यास
पांच दिन बाकी है सावन आने में, पता नहीं कमबख्त, इस बार कितनी बार तोड़ेगा अपनी ही खाई कसम
हा...हा...हा...हा...
टिप्पणियाँ
सुंदर अभिव्यक्ति। साधुवाद।
अच्छा है.
पुनश्च: क्या कमेन्ट देने वाले से शब्द पुष्टिकरण बन्द करवा पाएंगे साहब? बस एक रिक्वेस्ट है.
praveen mishra