संदेश

'टाइम' खराब नहीं, सच की तरह कड़वा है बस!

इतने अरसा बाद अपने पेज़ पर लौटना!

Lamhon Ke Jharokhe Se...: मेरा कुछ सामान....!

ऐसे में काहे का पत्रकार!

लहसुन को भूल गए कार-ओ-बारी

लहसुन को भूल गए कार-ओ-बारी

लहसुन को भूल गए कार-ओ-बारी

भला कोई देता है जूते से श्रद्धांजलि!

मियां, भलाई अब 'भज्जी' को भजने में है

संभालना अपने अपने दीये