सच का पत्ता कभी सड़ता नहीं... मौसम की मार जितनी पड़े कीड़े मकोड़ों का हमला जितना हो जब तक साबूत रहती हैं टहनियां वो पीला पड़ जाता है, मगर टूटता नहीं ईश्वर का सच उसे भी देता है आक्सीजन अपने हिस्से की धूप में वो और चमकता है लड़ता है आखिरी सांस तक तमाम थपेड़ों से वो सड़ कर गिरता नहीं, साबूत खड़ा रहता है! #दलान_बाग
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बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा...! -इक़बाल
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