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क्या सीन है!
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा...! -इक़बाल
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मार्च 04, 2010
मर गया तक्षक
मैंने इतने नेवले
पाल लिए हैं अपने इर्द गिर्द
कि अब मुझे
सांपो से तनिक भी खतरा नहीं रहा
मैं अभेद्य हूं
कितने ही ताकतवर सर्पदंश से
मेरा मुलाजिम
बन चुका है तारीख का तक्षक
टिप्पणियाँ
Arun sathi
ने कहा…
मेरा मुलाजिम
बन चुका है तारीख का तक्षक
दिल को छू गया।
कुमार विनोद
ने कहा…
भाईजान,तारीख से सावधान रहने की जरूरत है, क्या पता कब आपको मुलाजिम बना ले या अपने मुलाजिम तक्षक को कह दे- जाओ, हर रोज निगलते जाओ, वक्त को, उसके तमाम नरम-गरम लम्हों के साथ
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टिप्पणियाँ
बन चुका है तारीख का तक्षक
दिल को छू गया।