न्यू इयर का पॉजिटिव विश!



31 दिसंबर
साल के कैलेंडर की इस आखिरी तारीख का एहसास गजब का होता. वक्त के सिलसिले का ऐसा मोड़ जहां खोने और पाने का एहसास एक साथ होता है. लेकिन...इस बार वक्त की परतों में गुम होने वाला है एक पूरा दशक...

मेरा माजी मुझसे बिछड़कर
ना जाने किस हाल में हो
ऐसा भी हो सकता है
मेरी तरह वो भी तनहा हो


उम्र का एक और साल माजी बनने के कगार पर है. नए साल की आहट एक और साल को तन्हा करने वाली है. लेकिन ये तो दुनिया है, राजी-खुशी, या शिकवा शिकायतों के बावजूद साल दर साल यही सिलसिला चलता है...

न पाने से किसी के है
न कुछ खोने से मतलब है
ये दुनिया है इसे तो
कुछ न कुछ होने से मतलब है


साल के इस मोड़ पर जाने क्यों ऐसा लगता है, बंदा पीछे मुड़कर देखता है- जो हुआ, वो न होता तो क्या होता, जो नहीं हुआ, वो हुआ होता तो क्या होता...

तुम नजर से नजर मिलाते तो
बात करते न, मुस्कराते तो
चांदनी रात सिसकियां भरतीं
तुम जरा अपनी छत पर आते तो
दोस्ती में अना नहीं होती
खुद न आते, कभी बुलाते तो
आ भी जाओ, कि हम बुलाते हैं
तुम बुलाते, जो हम न आते तो


इसी पसोपेश है दिल, हमारा, आपका सबका दिल, गुजारिश है भूल जाइए कड़वी यादें...जिससे जलता है दिल. सजा लीजिए आंखों में कुछ नए सपने, बात किताबी है, लेकिन ऐसी हसरतों से बहलता है दिल.

आप सबको साल 2010 मुबारक!

टिप्पणियाँ

श्यामल सुमन ने कहा…
नये साल पर आपने लिखा बहुत ही खास।
सुमन कामना आपको मिले सुखद एहसास।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बढिया रहा .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!

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