'ठाकरों' की गाल पर सचिन का 'सिक्सर'- वाह सचिन वाह!
क्रिकेट के मैदान पर सचिन ने जाने कितनों को दिन में तारे दिखाए, राजनीति और विवादों पर वो अक्सर चुप ही रहते हैं, लेकिन जब जुबान खोली तो एक शॉट में मराठी राजनीति की बखिया उधेड़ दी.
वाह सचिन वाह, 'सच की पिच' पर 'नफरत की गेंद' को ऐसा उड़या कि गेंद बाउन्ड्री से बाहर और बस मुंह ताकते रह गया ठाकरे घराना.
अब तक ये क्रिकेट के मैदान पर होता दिखा था- सचिन के बल्ले से गेद निकली, फील्डर के पास कोई चांस नहीं, सिर के पीछे हाथ रखे और होंठ भींचे गेंद को बॉन्ड्री से बाहर जाते हुए देखने के सिवा कोई चारा नहीं. सचिन ने ये हाथ मैदान के बाहर भी दिखा दिया. ठाकरे परिवार भी शेन वॉर्न की तरह बगलें झांक रहा है. मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही, हिम्मत नहीं हो रही कि झूठी ही सही कोई अपील करें.
जो बात खुद को बड़ा से बड़ा मराठी 'सेक्युलर दिग्गज' कहने वाला नहीं कह सका, वो बात सचिन बोलते-बोलते बोल गए- मुंबई पूरे भारत की है, इस पर जितना हक मराठी का है, उतना ही हक हर भारतवासी को है. इससे आगे सचिन ने अपनी शराफत का ख्याल किया, वर्ना राज ठाकरे और बाल ठाकरे की जुबान में बोलते यही कहते- मुंबई किसी की बपौती नहीं, और जो ऐसा मानते हैं वो अपने बाप को गाली देते हैं, और इस बहाने अपनी मां की नीयत पर सवाल उठाते हैं....ठाकरों की जुबान में ऐसी गंदी भाषा का कोई अंत नहीं...क्या मुंह लगना...
मुंबई पूरे देश की है- ये बात सचिन की जगह कोई और बोलता तो उसका मुंह नोच लेते ठाकरे. लेकिन मुंह तो बंद ही है, 'मुखपत्र' भी खामोश है. कहीं कोई कुछ नहीं बोल रहा. वो जानते हैं कि क्रिकेट के इस भगवान पर उंगली उठाई, मराठी सपूत पर सवाल उठाए, तो बिहार यूपी वालों को तो छोड़ो, मराठी ही मुंह नोच लेंगे- अबे, अपनी राजनीतिक रोटी के लिए औरों के मुंह का निवाला छीनने वाले, मराठी धरती को देश की ताकत से अलग आंकने वाले, दुनिया में देश का नाम बदनाम करने वाले- तू होता कौन है अपने मास्टर को आंख दिखाने वाला...
ये सचिन की ताकत है, और सच की इस ताकत का पूरा अंदाजा है सचिन को. इस सच को कोई नकार नहीं सकता. 'ठाकरों' की बोलती भरसक बंद है, बेचारे हाथ में चूड़ी पहने 'कुर्बान' की करीना के पीछे पड़े हैं. पोस्टर पर नंगी पीठ को साड़ी पहना रहे हैं...छी छी छी...अब यही काम रह गया है
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सीधा और सच्चा शाट