अब तो संभलिए जनाब...
एंकर छोटा...रिपोर्टर छोटा, कमेंटेटर छोटा, प्रेजेंटर छोटा और तो और स्टूडियो का मेहमान भी हो गया है छोटा...
इन सबसे बड़ा हो गया है- विजुअल का विंडो। यही तो आतंकियों की साजिश थी- जितना बड़ा धमाका, उतना बड़ा विंडो, देखिए, किस तरह कामयाब हुए हैं आतंकियों के मंसूबे...
माफ कीजिएगा, एक दर्शक का दर्द बयां कर रहा हूं। हमारे अपने ही चैनल हमको कितना बड़ा चूतिया समझते हैं. समंदर पार बाल भी उखड़ता है तो दिन रात लाइव ताने रहते हैं. यहां एक के बाद एक शहर धधक रहे हैं, समंदर पार वाले चैनलों को सिर्फ अपनी पड़ी है.
जब बैंगलुरू में बम फटे तब भी, जब अहमदाबाद की आह से पूरा देश दहल गया तब भी. सीएनएन वाले, बीबीसी वाले तब या तो अपनी मौज में थे, या बस दिखाने की खानापूर्ति कर रहे थे.
हम वाकई चूतिये हैं। समंदर पार वालों से दोस्ती के लिए अपने संबंध खट्टे कर रहे हैं. कोई सरकार गिराने के लिए तो कोई सरकार बचाने के लिए मां बहन एक कराने को तैयार है
अब तो संभलिए जनाब
इन सबसे बड़ा हो गया है- विजुअल का विंडो। यही तो आतंकियों की साजिश थी- जितना बड़ा धमाका, उतना बड़ा विंडो, देखिए, किस तरह कामयाब हुए हैं आतंकियों के मंसूबे...
माफ कीजिएगा, एक दर्शक का दर्द बयां कर रहा हूं। हमारे अपने ही चैनल हमको कितना बड़ा चूतिया समझते हैं. समंदर पार बाल भी उखड़ता है तो दिन रात लाइव ताने रहते हैं. यहां एक के बाद एक शहर धधक रहे हैं, समंदर पार वाले चैनलों को सिर्फ अपनी पड़ी है.
जब बैंगलुरू में बम फटे तब भी, जब अहमदाबाद की आह से पूरा देश दहल गया तब भी. सीएनएन वाले, बीबीसी वाले तब या तो अपनी मौज में थे, या बस दिखाने की खानापूर्ति कर रहे थे.
हम वाकई चूतिये हैं। समंदर पार वालों से दोस्ती के लिए अपने संबंध खट्टे कर रहे हैं. कोई सरकार गिराने के लिए तो कोई सरकार बचाने के लिए मां बहन एक कराने को तैयार है
अब तो संभलिए जनाब
टिप्पणियाँ
...बिलकुल यथार्थ और सदासत्य।