tag:blogger.com,1999:blog-5341666770262171910.post579537419750431294..comments2023-04-03T14:03:18.005+05:30Comments on क्या सीन है!: Lamhon Ke Jharokhe Se...: मेरा कुछ सामान....!कुमार विनोदhttp://www.blogger.com/profile/03558571990487760607noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5341666770262171910.post-22992823345292341542013-05-20T16:13:54.691+05:302013-05-20T16:13:54.691+05:30इन्टरनेट ने, ख़ासकर गूगल ने इस पूरी दुनिया को समेट ...इन्टरनेट ने, ख़ासकर गूगल ने इस पूरी दुनिया को समेट कर इतना छोटा कर दिया है कि आज या कल आप किसी न किसी मोड़ पर टकरा ही जाते हैं... और लीजिये एक साल तीन महीने बाद ही सही आपकी ये दाद भी हमसे टकरा ही गयी गूगल पर कुछ सर्च करते हुए... :)<br /><br />बहरहाल ये जान कर बहुत अच्छा लगा कि आपको हमारा ये लेख इतना पसंद आया की आपने उसे अपने ब्लॉग पर जगह दी... इस इज्ज़त अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया विनोद जी...richahttps://www.blogger.com/profile/17341853830091317236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5341666770262171910.post-31283837717907850302012-02-15T15:28:00.054+05:302012-02-15T15:28:00.054+05:30ये अफसाना इतना पसंद आया, कि मैं चाहता था लखनऊ की र...ये अफसाना इतना पसंद आया, कि मैं चाहता था लखनऊ की रहने वाली मेरे लिए अजनबी ऋचा को दाद दूं. लेकिन भेज नहीं पाया (बार-बार कोड गलत हो रहा था. टाइप तो मैं सही ही कर रहा था. <br /><br />लिंक जोड़ने का फैसला इसीलिए किया....कुमार विनोदhttps://www.blogger.com/profile/03558571990487760607noreply@blogger.com