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न्यू इयर का पॉजिटिव विश!

न हंसे होते, न फंसे होते...

लो, अब झेलो 'बैताल बे-अदब'* को...

क्यों नहीं कर दिया जाए ठाकरे को बैन?

'ठाकरों' की गाल पर सचिन का 'सिक्सर'- वाह सचिन वाह!

उन कच्चे बरतनों की पक्की याद...

गर ये 'नशा' नहीं होता, ये 'नशेमन' नहीं होता...

अब डॉगी को चाहिए दुल्हनिया

स्वाइन फ्लू का पॉजिटिव पैकेज

कुत्ते की आदमियत

'कपिल' के 'मतलबी चौके' का मीनिंग

लो जनाब, हम तो फिर 'न्यूयॉर्क' हो आए!

जाओ, जैक्सन जाओ!

जब बेटा लाएगा 'दामाद' और बेटी लाएगी 'बहू' !

नुक्ताचीनी 'न्यूयार्क' के बहाने

अब ठाकरे खोदेंगे उत्तर भारतीयों की कब्र!

मनमोहनी 'शपथ' का पॉलिटिकल पैकेज

बस एक घूंट

सौ 'सोनार' की, एक 'लोहार' की

मां नहीं हूं फिर भी...

चु.आ. जी, क्या अपना जरनैल पप्पू है?

मोहब्बत का मीट- दो पीस

नीले, पीले दो सवालों के जवाब में

बेबी की तबियत मंदी है!

कहां तक टूं...टूं करे भाई?

चल निकला जूते का कारोबार

इतना 'गरम जूता',और सीबीआई का 'ढंडा बस्ता'

'पीली पड़ चुकी डायरी के पन्ने'- 5